श्रीनिवास जी का पूरा नाम मास्ती वेंकटेश अय्यंगार है। उनका जन्म 6 जून 1891 ई० में कोलार, कर्नाटक में हुआ था। श्रीनिवास जी का देहावसान हो चुका है। वे कन्नड़ साहित्य के सर्वाधिक प्रतिष्ठित रचनाकारों में एक हैं। उन्होंने कविता, नाटक, आलोचना, जीवन-चरित्र आदि साहित्य की प्रायः सभी विधाओं में उल्लेखनीय योगदान दिया। साहित्य अकादमी ने उनके कहानी संकलन ‘सण्णा कथेगुलु’ को सन् 1968 में पुरस्कृत किया। उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। यह कहानी ‘कन्नड़ कहानियाँ’ (नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया) से साभार ली गयी है। इस कहानी का अनुवाद बी० आर० नारायण ने किया है।